लेखनी प्रतियोगिता -12-Jan-2022 स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
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जन्म लिया भारत भूमि पर, अनगिनत महानो ने,
करते वंदन मुख वचन से, अपने शुभ बखानों में,
जो बने त्याग की परिभाषा, लाखों की भीड़ में ऐसे थे,
थी जीवन बलिदान की अभिलाषा, वो महापुरुष ऐसे थे,
महापुरुष, महाज्ञानी युवा सन्यासी की एक कहानी है,
संस्कार,संस्कृति की नदीयों सा, वो तो बहता पानी है,
भारत भूमि के बेटे की,ये कथा बड़ी निराली है,
विश्व के कौने-कौने में,सम्मान दिलाने वाली है,
सतगुरु के चरणों में वंदन, अध्यात्मिकता के छंद बने,
दृढ़ संकल्पों से जगत में, स्वामी विवेकानंद बने,
सब लोगों में पहचान गए, वो एक दृष्टि में जान गये,
गुरु परमहंस और रामकृष्ण, असली शिष्य मान गए,
संस्कृति संस्कार का हर, मानव को उपहार दिया,
शुभ मुख वचन से वेदो मंत्रों का प्रचार किया,
चारों दिशाओं में समर्पित,वेदों की महिमा को गाता,
मंत्र मुग्ध था हर एक प्राणी, सुनता मनोहर उनकी गाथा,
मां भुवनेश्वरी की आंख के तारे थे,पिता विश्वनाथ के सहारे थे,
उनके दर्शन मात्र से ही लोगों के वारे न्यारे थे,
जीवन अपना जी ना सके वो इन फूलों की घाटी में,
उस एक पुष्प की अमर गंध है बसी देश की माटी में,
उन की गौरव गाथा से महकेगा यह जग संसार,
हे भारत माता के सपूत तुमको नमन बारंबार,
संगीता वर्मा ✍️✍️
Swati chourasia
13-Jan-2022 10:55 AM
Awesome 👌👌
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Sudhanshu pabdey
13-Jan-2022 10:54 AM
Very beautiful
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Niraj Pandey
13-Jan-2022 12:22 AM
बहुत ही बेहतरीन
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